फागुन की चली मदमस्त बयार खुशी से झूमे जिया मोरा आज बस में नहीं मेरे तन- मन आज फागुन फागुन की चली मदमस्त बयार खुशी से झूमे जिया मोरा आज बस में नहीं मेरे तन- मन...
कहता है बार बार क्या यही होता है प्यार। कहता है बार बार क्या यही होता है प्यार।
एक बार अहसास में बसकर कह दो ना तुम जिताओगे मुझे! कर दोगे न उल्टा इस नीचे गिरती रेत के उदास कण... एक बार अहसास में बसकर कह दो ना तुम जिताओगे मुझे! कर दोगे न उल्टा इस नीचे ...
पर तेरे झूठे वादों पर, विश्वास अब ना होगा। कहो रहे कि मौन अब हम कब तक अब की बार रण होग... पर तेरे झूठे वादों पर, विश्वास अब ना होगा। कहो रहे कि मौन अब हम कब तक...
अपनी मोहब्बत की कब्र हैं जहाँँ, मैं वहाँ की मज़ार हूँ। अपनी मोहब्बत की कब्र हैं जहाँँ, मैं वहाँ की मज़ार हूँ।
जगत सुगंध बहती गंगा सी जब है इठलाती। जगत सुगंध बहती गंगा सी जब है इठलाती।